एक दिन छोड़कर भी दिया, तो छह महीने ही मिल पाएगा पानी

उज्जैन | पीएचई के पास सारे स्रोतोें को मिला कर 500 एमसीएफटी पानी है, जिसे एक दिन छोड़कर छह महीने तक सप्लाई किया जा सकता है। यानी मार्च 2018 तक शहर को पानी दिया जा सकता है। इसके बाद अप्रैल, मई और जून में बारिश आने तक पीएचई को नर्मदा का पानी मिलने की आस है। जिम्मेदार मान रहे हैं कि मौजूदा पानी और नर्मदा से मिलने वाली मदद से जल संकट की स्थिति शहर में नहीं बनेगी। हालांकि जल संकट से निपटने के लिए पीएचई ने 62 करोड़ रु. की योजना बना कर राज्य सरकार को भेज दी है। गंभीर डेम में शुक्रवार की स्थिति में 634 एमसीएफटी पानी है। जबकि इसकी क्षमता 2250 एमसीएफटी है। एक दिन छोड़ कर किए जा रहे जलप्रदाय में रोज औसत 3 एमसीएफटी पानी खर्च होता है। इतना ही पानी भूमि में रिसाव और वाष्पीकरण में भी जाता है। इसमें 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज भी है जिसे सप्लाई नहीं किया जा सकता। एेसे में शहर जल संकट के मुहाने पर है।

नर्मदा का महंगा व अमलावदा बीका का पानी मिलेगा सस्ता
नर्मदा का पानी 22 रु. प्रति हजार लीटर व अमलावदा बीका का पानी 15 रु. प्रति हजार लीटर की दर पर पीएचई को मिलने की संभावना है। पहले अमलावदा बीका इसके बाद नर्मदा का पानी लिया जाएगा।

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